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एक अच्छे अभिभावक और माता-पिता को ये बातें जरूर ध्यान देनी चाहिए।

ऐसे बनें एक अच्छा अभिभावक और माता-पिता।  

हर माता-पिता की इच्छा होती है कि वो एक अच्छे माता-पिता और अभिभावक बनें और अपने बच्चों के लिए एक आदर्श बनें मगर मौजूदा हालात इसके विपरीत है। आज के इस महँगाई वाले माहौल में इंसान अपने खर्चों की पूर्ति के लिए ही अपनी सारी जिंदगी लगा देते है और अंत में न तो वह अपने लिए कुछ किया महसूस करते हैं और न ही अपने बच्चों की नजर में एक अच्छे माँ-बाप बन पाते हैं।

हम आपका ध्यान कुछ छोटे-छोटे विषयों की तरफ दिलाते हैं जिनपर ध्यान दे कर हम काफी हद तक अपने बच्चों के साथ संबंध कुछ ठीक कर सकते हैं और उनकी अच्छी परवरिश कर सकते हैं।

1. उचित समय देना।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है जो की लगभग हर जगह कम ही पाई जाती है और यह बच्चों के जीवन में एक मानसिक कमजोरी पैदा करती है। बच्चों को उचित समय न देना अभिभावकों के लिए अपने बच्चों के प्रति लापरवाही दर्शाता है और बच्चे और माता-पिता के बीच एक प्रकार का लगाव नहीं बन पाता अतः अपने काम के साथ-साथ बच्चों को उचित समय भी दें।

 2. उनके कार्य की प्रशंसा करें।
बच्चों और अपने बीच एक अच्छा संबंध बनाने के लिए जरूरी होता है एक-दूसरे की प्रशंसा करना। बच्चों के कार्य की आलोचना कदापि न करें भले ही वो कार्य को अच्छे से न कर सके हों। उनके कार्य की प्रशंसा करें। ऐसा करने से बच्चे आपको अपना हमदर्द महसूस करेंगे जो की एक अच्छा संबंध बनाने के लिए अत्यंत जरूरी होता है। प्रशंसा पाकर बच्चा और अच्छा करने की कोशिश करेगा और एक दिन वह निपुण हो जायेगा। 

3. स्कूल के कार्य में करें मदद। 
इसका यह मतलब नहीं है आप ही बच्चे का सारा होमवर्क पूरा करें बल्कि जब वो स्कूल का होमवर्क कर रहे हों तो उनके साथ बैठें और कभी-कभी उनकी मदद करें ऐसा करने से उनके अंदर साथ काम करने की आदत बन जाएगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।


4. पौष्टिक और स्वादिस्ट खाना। 
यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है। एक कहावत है "जैसा रखें तन, वैसा होये मन" अर्थात बच्चे का जैसा स्वास्थ रहेगा उसका मस्तिष्क भी वैसा ही होगा और एक अच्छे तन के लिए जरूरी है एक अच्छा खान-पान।  बच्चों के खाने-पीने का अच्छे से ख्याल रखें अर्थात सही समय पर उन्हें अच्छा, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन दें जैसे दाल, दलिया, फल, हरी सब्जियाँ, सलाद आदि। हो सके तो बच्चों को बाहरी खाने से बचायें। 

5. पूरी नींद लेने दें।
बच्चों के सोने का भी उचित समय होना चाहिए और उन्हें  भरपूर नींद पूरी करानी चाहिए। कोशिश रहनी चाहिए की बच्चों की नींद कम न हो क्योंकि अगर नींद पूरी नहीं होगी तो वह सुस्ती महसूस करेगा और उसका कहीं मन नहीं लगेगा। ऐसा न हो की वो पढाई के समय या खाने के समय ही सोने लगें।

6. खेल खिलाएं और घुमायें भी। 
बच्चों को खेलना भी जरूरी होता है। खेल दोनों प्रकार के होने चाहिए घर के अंदर जैसे कैरम, लूडो आदि और घर के बाहर के जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, खो-खो, आदि। हो सके तो उन्हें थोड़ा-थोड़ा योग भी कराएं। एक अच्छे स्वास्थ के लिए खेलना बहुत जरूरी होता है।  उन्हें कहीं बाहर घुमाने भी ले जाएँ ताकि उनके अंदर आत्मविश्वाश पैदा हो और अपने आस-पास की जानकारी भी हो।

7. अपना पता जरूर याद करवाएँ। 
सबसे जरूरी है की आप अपने बच्चों को अपने घर और स्कूल का पूरा पता जरूर याद करवाएं क्योंकि यदि वो कभी कहीं रास्ता भूल जाएँ या खो जाएँ तो अपना पता बता पाएँ  और उन्हें यह जरूर बताएं की यदि ऐसी स्थिति  आये तो वो सबसे पहले पुलिस को देखें और अपने बारें में पुलिस को बताएं ताकि वो कहीं गलत आदमी के हाथ न फँस जाएँ।  


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