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इंडिया गेट। भारत का गौरव। दिल्ली। यह नहीं देखा तो दिल्ली नही देखी।

 

इंडिया गेट। यह नहीं देखा तो दिल्ली नही देखी।

इंडिया गेट, भारत की राजधानी, नई दिल्ली के राजपथ पर है। यह एक युद्ध स्मारक है। यह समस्त भारतीयों के लिए एक गौरव और प्रेरणा का प्रतीक है। मुख्य रूप से इसका निर्माण अंग्रेजों द्धारा 12 फरवरी सन 1931 को सम्पूर्ण हुआ था जिसे बनाने में लगभग 10 वर्ष का समय लगा था। प्रथम विश्वयुद्ध और अफगानों के साथ हुए युद्धों में जो 70000 भारतीय सैनिक अंग्रेजी सेना की तरफ से लड़ते हुए शहीद हुए थे उन्ही की याद में यह युद्ध स्मारक बनवाया गया था जिस पर 13300 सैनिकों और अधिकारियों के नाम अंकित हैं।

अमर जवान ज्योति। 

लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ है इंडिया गेट। आज यह हिंदुस्तान का एक अलौकिक पर्यटक स्थल बन गया है जहाँ पर प्रत्येक दिन हजारों- लाखों पर्यटक देश विदेश से आते हैं।यहीं पर सैनिकों की याद में एक अमर जवान ज्योति बनी है जो हमेशा जलती रहती है। सैनिकों की याद में एक राइफल लगी है जिस पर सैनिक की टोपी लगी है जो हमेशा हमें उन शहीद सैनिकों की याद दिलाती है। इस अमर जवान ज्योति पर हर वर्ष भारत के प्रधान मंत्री एवं भारत की तीनों सेनाओं के सेना अध्यक्ष पुष्प अर्जित करते हैं और हमारे उन अमर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। 


26 जनवरी की राष्ट्रीय परेड।

प्रति वर्ष 26 जनवरी को यहाँ पर राष्ट्रीय परेड होती है जो की राष्ट्रपति भवन से चलकर इंडिया गेट होते हुए लाल किला तक जाती है। इस दिन भारत में प्रत्येक भारतीय के दिल में एक अलग ही जोश होता है। इस परेड को देखने के लिए लोग देश -विदेश से आते हैं और परेड का नजारा लेकर आनंद करते हैं। इस परेड में सभी राज्यों से अलग-अलग प्रकार की सांस्कृतिक और अन्य प्रकार की झांकियाँ निकाली जाती हैं। तीनों भारतीय सेनाओं की परेड भी दिखाई जाती हैं और भारतीय सेनाओं का शक्ति प्रदर्शन भी किया जाता है। यह राष्ट्रपति भवन के पास ही है। 

यातायात व्यवस्था। 

इंडिया गेट ( दिल्ली) जाने के लिए सभी प्रकार के यातायात उपलब्ध हैं। क्यूंकि यह दिल्ली के बीचों-बीच बना है इसलिए इसे लगभग हर तरफ से रोड़ से जोड़ा गया है। बस और ऑटो आदि की अच्छी सुविधा उपलब्ध है यहाँ आने के लिए।




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