दिल्ली के नजदीक कुछ धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के नाम ।।
अगर आपके बच्चों के स्कूल बंद होने वाले हैं और आप एक या दो दिन का दिल्ली के नजदीक घूमने का सोच रहे हैं तो यह भी बहुत सही वक्त है और इसलिए हम आपको बता रहे हैं दिल्ली के नजदीक कुछ धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के नाम जहाँ पर आप जरूर जाना चाहेंगे।
1). प्रेम मंदिर, रमणरेती, वृन्दावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश।
2. कोकिलावन धाम शनि मंदिर, कोसीकलां, उत्तर प्रदेश।
1). प्रेम मंदिर, रमणरेती, वृन्दावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश।
प्रेम मंदिर उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले की प्रशिद्ध और ऐतिहासिक नगरी वृन्दावन में है। इस मंदिर का निर्माण जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने करवाया है। इसका सारा रख-रखाव श्री कृपालु महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट करता है। यह एक अंतराष्ट्रीय चैरिटेबल ट्रस्ट है। बताया जाता है की इस मंदिर का प्रारंभ वर्ष 2001 में शुरू हुआ था और लगभग 11 वर्ष बाद इसका लोकार्पण 17 फरवरी 2012 को हुआ था।जिसमें समस्त हिंदुस्तान के शिल्पकारों ने अपनी-अपनी प्रतिभा को दर्शाया।
जैसा की आप सभी जानते हैं की वृन्दावन भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि है और मान्यता है की वृन्दावन के कण-कण में श्री राधा-कृष्ण जी का वास है। तो देर न करें आज ही कर लें जाने की तैयारी और घूमने के साथ-साथ पाएं श्री भगवान के दर्शन लाभ। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की अटूट प्रेम को बड़ी सुंदरता के साथ झाँकियों में दिखाया गया है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर सभी लीलाओं की झाँकिया बनाई गई हैं जो की बड़ी ही मनमोहक है। उनमें से कुछ का चित्रण हम आपको नीचे दिखा रहे हैं।
दिल्ली से प्रेम मंदिर की दुरी लगभग 162 से 165 किलोमीटर है। यातायात के साधन बस, रेल दोनों उपलब्ध हैं और बहुत अच्छी सर्विस है। आप अपनी कार या अन्य साधन से भी जा सकते हैं
प्रेम मंदिर की एक खासियत यह भी है कि इसको रात में देखने में ज्यादा सुंदर दिखता है। इस पूरे मंदिर में विशेष प्रकार की लाइटों का इस्तेमाल किया गया है जो रात से समय में एक अनोखा दृश्य बन जाता है।
यह एक शनिधाम मंदिर है जो कोसीकलां के पास है। यह मंदिर भी बहुत प्राचीन काल से बताया जाता है। इस मंदिर के चारों तरफ कीकरों का जंगल है जिसमें बन्दर और अन्य जीव रहते हैं। प्रत्येक शनिवार को यहाँ पर विशेष भीड़ होती है। यहाँ भगवान शनिदेव जी के दर्शन और पूजा के लिए श्रद्धालु शुक्रवार रात से ही आना शुरू हो जाते हैं और शनिवार रात तक आते रहते हैं। जगह-जगह पर श्रद्धालु भंडारा करते रहते हैं।
यहाँ आने के लिए दिल्ली से बस और रेल दोनों सेवा उपलब्ध है। यहाँ आने के लिए कोसीकलां बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर उतर कर ऑटोरिक्शा लेना होगा जो की मंदिर में ही जाता है।
जो लोग अपनी कार या अन्य साधन से आना चाहते हैं उन्हें बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है वो कोसीकलां शहर में से ही दाईं और रोड पर मुड़ जाएँ (यदि आप दिल्ली से आ रहे हैं तो ) जो की मंदिर के लिए जाती है।
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