अगर आप अच्छा मंदिर अपने फरीदाबाद में देखना चाहते हैं एक बार जाएं फरीदाबाद के गाँव अनंगपुर का माता मंदिर। चक्रेश्वर पर्वत। छोटा हतिया।
माता मंदिर, अनंगपुर, फरीदाबाद, हरियाणा।
फरीदाबाद के अनंगपुर गांव के चक्रेश्वर हरी पर्वत पर स्थित यह मंदिर बहुत ही सुंदर कृति है। इसका निर्माण ज्यादा पुराना नहीं है मगर इसकी लोकप्रियता बहुत है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मंदिर के निर्माण के लिए गांव के सभी लोगों से साथ-साथ "SOS " संस्था ने सहयोग किया था। यहाँ पर पूजा-पाठ होता ही रहता है। गांव के सभी लोग इसका सही रख-रखाव करते हैं और उचित व्यवस्था बनाने में विशेष सहयोग करते हैं।
प्रवेश द्वार ।
अनंगपुर गांव के चक्रेश्वर हरी पर्वत पर यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में बना है। मंदिर में मुख्य रूप से एक प्रवेश द्वार है। प्रवेश द्वार से अंदर जाते हुए सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति आती है। यह देखने में बहुत ही सुंदर है। मुख्य द्वार समतल भूमि पर बना हुआ है जबकि मुख्य मंदिर पर जाने के लिए सीढ़ियाँ बनाई गई है। इन सीढ़ियों के दोनों और छोटे और बड़े सैकड़ों पेड़-पौधे लगाए हुए हैं जो बहुत ही आकर्षित करने का काम करते हैं।
क्यूंकि यह मंदिर एक पर्वत पर बना है तो सीढ़ियों के दाईं तरफ पहाड़ी दिखाई देती है जो कुछ समय के लिए तो आपको यह भुला देती है कि आप फरीदाबाद में हो। यह आपको किसी सुंदर पहाड़ी छेत्र का अहसास कराती है।
श्री कृष्ण मंदिर।
सीढ़ियों से ऊपर जाते हुए दाईं तरफ भगवान श्री कृष्ण का छोटा सा किन्तु बहुत ही सुंदर मंदिर आता है। भगवान श्री कृष्ण जी की मूर्ति एक सुंदर और बहुत ही आकर्षक कृति लगती है।
शिवलिंग (मंदिर)।
श्री कृष्ण मंदिर के बाद भगवान शिव का मंदिर आता है। यहाँ पर शिवलिंग स्थापित है। भक्तजन यहाँ आकर भगवान शिव को जल, दूध चढ़ाते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
माता मंदिर (माता शेरा वाली)।
उसके आगे जाने के बाद मुख्य मंदिर आता है माता शेरा वाली का। यहाँ पर माता की बहुत बड़ी और सुंदर मूर्ति लगी है। प्रतिदिन माता का श्रृंगार किया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है। यहाँ आकर एक अलग ही अनुभूति होती है जिसे मैं अपने शब्दों में बयान नहीं कर सकता। दूर- दूर तक फैली अरावली की पहाड़ियाँ और उसपर हजारों-लाखों पेड़-पौधे। क्यूंकि यह मंदिर एक पर्वत की ऊपरी चोटी पर है तो एक तरफ जहाँ आपको अनंगपुर गांव, सूरजकुंड, कान्त एन्क्लेव दिखाई देंगे तो दूसरी तरफ आपको दूर-दूर तक फैली अरावली की नीली पहाड़ियाँ जिन्हे देखकर ऐसा लगता है जैसे भगवान ने सारी खूबसूरती को यहीं उतार दिया है।
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