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भाषा की व्याख्या और उसके प्रकार

 

 

भाषा -

अपने मन के भावों को बोलकर या लिखकर एक दूसरे को समझाने का स्वरुप भाषा कहलाता है। 

भाषा के दो रूप हैं -

1. मौखिक - जब हम बोलकर एक दूसरे से बात करते है या अपने विचार बोलकर एक दूसरे को समझाते हैं तो   वह भाषा का मौखिक रूप कहलाता है।  

2. लिखित - जब हम लिखकर एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचाते है। इसमें हम अपने विचार लिखकर दूसरे तक पहुंचाते है और वह पढ़कर उसको समझता हैं  वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है।

वैसे भाषा का एक रूप और है जिसे हम सांकेतिक भाषा कहते है। इस में हम इशारा कर के एक दूसरे के मन की बात एक दूसरे को समझाते है। परन्तु इस भाषा को हम व्याकरण में शामिल नहीं करते है। 

भाषा को व्यक्ति अपने घर तथा समाज से सीखता है। हर भाषा को लिखने एवं बोलने का ढंग अलग होता है। इन्हे लिखने तथा पढ़ने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग होता है उसे हम लिपि कहते है। हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। 

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है। वैसे तो हमारे देश में हर राज्य की अपनी एक अलग भाषा है परन्तु फिर भी हिंदी कई राज्यों में बोली जाती है। 
इसी प्रकार विश्व में अनेक भाषाएँ बोली जाती है। जैसे - चीनी , अंग्रेजी , जापानी आदि।
  
हिंदी दिवस 

हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

 

 

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